
चलिए हम बात करते है एक ऐसे लुटेरे की जिसने बिना गोली – बन्दूक – हथियार, बिना किसी लड़ाई झगडे के पूरा बैंक ही लूट लिया । वो लुटेरा कोई चम्बल का डाकू नहीं है । वो लुटेरा इतना सीधा और भरोसेमंद है की प्रधानमंत्री जी के साथ सीईओ मीट में दावोस जाता है । वो लुटेरा अपने आपको कला प्रेमी कहता है, संगीत का शौकीन है, हिरे का शौकीन है और हिरे का व्यापर भी करता है । यह एक ऐसा लुटेरा है जिसपे भरोसा करके बैंक वाले अपना पासवर्ड भी दे देते है । अपने कंप्यूटर को इस्तेमाल करने की स्वीकृत तक देते है । और अब उस सीधे – साधे रईस आदमी उर्फ़ चोर को पूरा देश ढूंढ रहा है, और वो बेचारा ईमानदारी से बैंक को लेटर लिखता है की मैंने जो पैसा आपके बैंक से लूटा है वो वापस कर दूंगा अगले छह महीने में । और हम लोग झूठ मुठ के पुरे देश में सीबीआई, परवर्तन निदेशालय को परेशान किये हुए है । इतना ईमानदार चोर की कहानी पहले कभी नहीं सुनी मैंने जो खुद पैसे वापस करने की बात करे । देखिये जरा हमारे नेता जी लोगो को कभी किसी ने आज तक नहीं कहा की देश में कोई घोटाला हुआ है । ये देश कैसे चल रहा है ये तो ऊपरवाला जाने, वो भी नहीं पकड़ पायेगा हमारे देश के ऐसे ईंमानदार घोटालेबाज़ों को ।।
ईमानदार लोगो की बाते
चलिए हम बात करते है ऐसे ही एक ईमानदार बैंक लुटेरे नीरव मोदी की । जिसकी चोरी ना तो देश के महान अर्थशास्त्री पूर्व प्रधामंत्री मनमोहन सिंह और ना ही दुनिया के जानेमाने ईमानदार, IMF और वर्ल्ड बैंक में कार्य कर चुके पूर्व आरबीई गवर्नर रघुराम राजन पकड़ पाए । ये चोर अपने को देश का सबसे बड़ा देशभक्त और चौकीदार कहने वाले प्रधानमंत्री उर्फ़ प्रधानसेवक के आँख के नीचे से 11500 करोड़ उड़ा ले गया और चौकीदार साहब को खबर तक नहीं लगी । देश का चौथा स्तम्भ मीडिया जो अपने को सबसे तेज़ और स्मार्ट समझती है, जो ये बता देती है की धरती कब खत्म हो जाएँगी, किसकी किससे सेटिंग चल रही है ये तक बताने वाली मीडिया को खबर तक नहीं लगती है और देश का 11500 करोड़ गायब हो जाता है । चलिए अब हम बात करते है विचारे उन ईमानदार बैंक वालो की जिसने खुद बैंक के तिजोरी की चाभी लुटेरे को देकर बोल दिया ले जाओ जितना ले जा सकते हो । कितने ईमानदार ये सभी लोग विचारे.. ….
एक ईमानदार लुटेरा नीरव मोदी !!
नीरव मोदी जिसके नाम में मोदी है तो लोग को सीधा प्रधामंत्री नज़र आ जाते है । लोगो की इसमें कुछ गलती भी नहीं है, क्युकी मोदी ब्रांड का इतना प्रचार जो किया गया है । संयोग से दो और लोगो इस नाम को आगे पहुंचाने में अपना योगदान दे रहे है वो है, ललित मोदी और नीरव मोदी । नीरव मोदी जो अपने आप को संगीत और कला प्रेमी कहते है । कहते है जैसे किसी को संगीत और कला में आनंद मिलता है वैसे ही मुझे हिरे के साथ कलाकारी करने में आता है । नीरव मोदी जो अपने ही नाम से पूरी दिनिया में नीरव मोदी महंगे डायमंड जूलरी ब्रांड का स्टोर चलाते है । उन्होंने देश के इतिहास का अब तक सबसे बड़ा बैंक घोटाला किया है, पुरे 11500 करोड़ । सोचिये इनके कला के बारे में क्यू इनको हिरे के साथ आनंद आता है ।
क्या है नीरव मोदी का फॅमिली बैकग्राउंड ??
जब देश अपनी आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था उस समय गुजरात का एक हिरा व्यापारी और नीरव मोदी के दादा जी 1930 में सिंगापूर चले गए हिरे का कारोबार करने के लिए । फिर वंहा से नीरव मोदी के पिता दीपक मोदी बेल्जियम गए अपना व्यापर बढ़ाने के लिए । वही बेल्जियम जो अपने खास किस्म के चॉकलेट और जंक फ़ूड के लिए प्रसिद्ध है । बेल्जियम जो अपने हिरे की चमक और कारोबार के लिए पूरी दुनिया में फेमस है । वहा पर उन्होंने अपने कारोबार को स्थापित किया और हिरे के ब्यापार करने लगे । दीपक मोदी के बड़े पुत्र है नीरव मोदी । नीरव मोदी को जापानी भाषा और बिज़नेस कोर्स के लिए अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिल्वेनिया के व्हार्टन स्कूल में दाखिला करा दिया गया । लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर मुंबई आ गए । मुंबई में अपने चाचा के साथ 3500 रुपये की तनख्वाह पर कार्य करते हुए हिरे के कारोबार की बारीकियां सीखी, और 15 लोगो के साथ फायरस्टोन कंपनी की स्थापना की । हिरा कटिंग पॉलिशिंग में हाथ अजमाया लेकिन इस बिज़नेस में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा होने के चलते उसने एक नयी योजना पर काम करना शुरू किया । जब नीरव मोदी हिरे को पालिस करके जूलर्स को देते थे जूलरी डिज़ाइन के समय 15 % – 20 % हिरा टूटकर कर ख़राब हो जाता था । उन्होंने जूलर्स को उनके डिज़ाइन के हिसाब से हिरा देने का ऑफर किया जिसमे जो हिरा ख़राब होता उसमे कमी आ गयी । और उनका ये आईडिया चल निकल उन्होंने उससे खूब पैसा कमाया और बहुमूल्य हिरे के कारोबार में कदम रखा और पैसा और नाम दोनों कमाया और अपने से कई गुना बड़ी कंपनियों को खरीद लिया । 2005 में उन्होंने एक अमेरिकी कंपनी को 1.6 अरब डालर में ख़रीदा, और भी कई कम्पनियो को बिलय अपनी कंपनी में किये । इससे इनको अमेरिकी बाजार में पैठ बनाने में मदद मिली ।
नीरव मोदी ब्रांड स्टोर
बहुमूल्य हिरे के शौकीन लोगो के लिए नीरव मोदी ने प्रीमियम सेविसेस 2008 में शुरू की । रईस लोगो के घर पर ही उनके हिसाब से हिरे के गहने और जूलरी डिज़ाइन ऑफर करना शुरू कर दिया । इससे इनको दुनिया भर के अमीर लोगो में नयी पहचान मिली और इस आईडिया से उन्होंने ने पैसा भी बनाया । वो लोगो को बताते है की एक उद्योगपति की पत्नी के मांग पर एक हिरे लिए मास्को तक का सफर तय किया । लोटस स्टाइल के गुलाबी हिरे इयरिंग बनाया जो 16 करोड़ में नीलाम हुआ । भारत में गुलाबी हिरा आयत करने वाली उनकी एकलौती कंपनी फायरस्टोन है । 2010 में उन्होंने अपने नाम से ही नीरव मोदी ग्लोबल डायमंड स्टोर चैन की शुरुआत की । नीरव मोदी स्टोर पूरी दुनिया में हिरे को चाहने वाले लोगो के लिए शॉपिंग का अड्डा है । इनके स्टोर मुंबई, दिल्ली, अमेरिका, हांगकांग, चीन, यूरोप सहित पूरी दुनिया में फैले है ।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाला
नीरव मोदी और उनके मामा श्री मेहुल चौकशी दोनों ने PNB के ही कुछ अधिकारियो के साथ मिलकर बैंक को ऐसा चपत लगाया की पंजाब नेशनल बैंक की कमर ही तोड़ कर रख दी है । मेहुल चौकसी जो गीतांजलि समूह की कंपनियों के प्रमोटर्स है जिसमे, गुतंजलि जेम्स, नक्षत्र और गिल्ली इंडिया है । मेहुल चौकसी पर पहले भी शेयर्स में हेरा फेरी का आरोप लग चूका है । दोनों ने मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों के साथ साठ – गांठ करके लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) तैयार किये और स्विफ्ट (Society for Worldwide Inter-bank Financial Telecommunication) सिस्टम का गलत फायदा उठाते हुए अलग अलग बैंको की विदेशी शाखाओ से इसी के आधार पर लोन लिए गये । LOU देने में बैंक के नियमो की धज्जिया उड़ाते हुए गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दिए गए । लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के तहत इम्पोर्टर्स को या जो भी बिदेश में व्यापर करते है उनको दिया जाता है जिसके तहत वो लोग दूसरे बैंको से लोन ले सके या अपने सामान का पेमेंट कर सके । लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने से पहले उसके एसेट्स को पेपर बैंक के पास जमा किया जाता है लेकिन नीरव और मेहुल चौकसी के मामले में इन सब बातो को पूरी तरह से इग्नोर किआ गया । बिना किसी प्रॉपर्टी और बैंक गारंटी के बैंक के कर्मचारियों ने इन दोनों को LOU जारी करते रहे वो भी एक दो नहीं पुरे 150 से भी ज्यादा । पंजाब नेशनल बैंक के दो कर्मचारियों का नाम अभी तक सामने आया है जिसमे डिप्टी मैनेजर गोकुल नाथ शेट्टी, और एकल खिड़की अधिकारी मनोज खरात है, लेकिन इतने बड़े घोटाले में बस दो लोगो का शामिल होना लोगो को हजम नहीं हो पा रहा है । पूछताश में बड़े अधिकारियो के भी नाम सामने आ रहे है । सीबीआई जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है यह घोटाला और भी बड़ा होता जा रहा है ।
सीबीआई और परवर्तन निदेशालय की कार्यवाही
चुनावी साल में सरकार अपनी छवि को लेकर बहुत सतर्क नज़र आ रही है । इसीलिए जैसे ही ये घोटाले सामने आये सरकार ने सीबीआई और रवर्तन निदेशालय को कार्यवायी करने की पूरी छूट दी हुयी है । परवर्तन निदेशालय के अभी तक के छापो में 5600 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त करने की बात सामने आ रही है । सीबीआई भी नीरव मोदी और उनके कई सहयोगियों के घरो पर लगातार छापे मार रही है । विदेश मंत्रालय ने 4 हफ्तों के लिए नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया है । सीबीआई लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है । सीबीआई इंटरपोल की मदद से दोनों को ढूढ़ने की कोशिश कर रही है ।
क्या होगा इस घोटाले का राजनीतिक असर ??
बेरोजगारी और किसानो के मुद्दे पर चारो तरफ से घिरी मोदी सरकार के सामने ये एक और बड़ा संकट आ गया है जिसे पार पाना आसान नहीं लगता । बैठे बिठाये बिपक्ष के हाथो में सरकार को घेरने का मौका मिल गया है । बिपक्ष इसमें सीधे सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने का आरोप मड रहा है । एक साल बाद 2019 में लोकसभा का चुनाव है, उसके पहले राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसो प्रमुख राज्यों में चुनाव होने वाले है, जिसमे बिपक्ष सरकार को आक्रामक तरीके से इस मामले पर घेरेगा । और भाजपा इसको मनमोहन सरकार के समय का घोटाला बताकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ी कर रही है ।
चलिए कुल मिलकर बात ये है की 11500 करोड़ देश से बहार जा चूका है घोटाले के रूप में । दोनों घोटालेबाज़ भी देश से बहार जा चुके है । अब देखना है क्या ये भी विजय माल्या पार्ट-२ होता है या कुछ मिलता भी है । लेकिन मोदी सरकार के साख पर बट्टा लगा दिया है इस घोटाले ने । और साथ में भारतीय बैंकिंग सिस्टम में भ्रस्टाचार की जड़ें कितनी मजबूत है ये भी देख लीजिये आप लोग……….जय हिन्द …